नए साल के आगमन में अब चंद दिन शेष रह गए हैं तथा लोग जश्न की तैयारी में जुट गए हैं। इसके साथ ही नए साल को लेकर लोगों की उम्मीदें भी गुलाचें मारने लगी है। पिछले साल देश का सबसे बड़ा जूट और नेचुरल फाइबर पार्क बनने की प्रक्रिया जिले में शुरू हुई थी जिसके नए साल में पूरा होने की उम्मीद बेरोजगारों के आंखों की चमक बढ़ा रहा है। इसके शुरू होने से युवाओं की बड़ी संख्या को रोजगार का साधन मिल सकेगा।
भारत सरकार के द्वारा सूक्ष्म, लधु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय की स्फूर्ति परियोजना के तहत देश के सबसे बड़े जूट और नेचुरल फाइबर क्लस्टर बनाने की कवायद यहां शुरू हो चुकी है। जूट और नेचुरल फाइबर क्लस्टरनिर्माण की जिम्मेवारी सरकार के द्वारा राष्ट्रीय स्तर के सामाजिक संगठन सवेरा को इसके संचालन की जिम्मेवारी दी गई है।
क्लस्टर के माध्यम से जूट और प्राकृतिक रेशे (केले) से घरों में प्रयोग होने वाली विभिन्न वस्तुओं का निर्माण होगा। इसके लिए जिले में 1000 लघु उद्यमियों को भी तैयार किया जाएगा। इसके लिए बाईपास स्थित उफरैल में प्रशिक्षण सह उत्पादन केंद्र के लिए भवन एवं उद्योग केन्द्र का निर्माण कार्य आरंभ हो चुका है। हालांकि बीते साल में ही इसका निर्माण पूरा होना था लेकिन अभी तक यहां काम शुरू नहीं हो पाया है। ऐसे में नए साल में इसके पूरा होने की उम्मीद है।
स्फूर्ति परियोजना के तहत जूट एवं नेचुरल फाइबर जिसमें केले के रेशे से सामान बनाने वाले ऐसे सभी कारीगरों को प्रशिक्षित करके उनकी क्षमता को बढ़ाकर पारंपरिक उद्योगों को अधिक उत्पादक और लाभ दायक बनाया जाएगा। परियोजना के तहत जिले में 1000 लघु उद्यमियों को तैयार किया जाएगा। साथ ही ऐसे भी लोगों को इसका प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार का अवसर प्रदान किये जायेंगे, जो इस क्षेत्र में आगे बढ़ने में रुचि रखते हो और एक उद्यमी के तौर पर अपने को स्थापित करना चाहते हो। प्रशिक्षण के बाद लाभुकों को अर्टिशन कार्ड एवं भारत सरकार की तरफ से उद्योग आधार कार्ड भी दिया जाएगा और उनके नाम विशेषज्ञ के रूप में सरकार की वेबसाइट पर दर्ज होगा। उक्त परियोजना से पूरे सीमंचल वासियों को लाभ मिलने की उम्मीद है। क्योंकि सीमांचल के सभी जिलों में जूट और केले की खेती बड़े पैमाने पर होती है। इसलिए जहां अप्रत्यक्ष रूप से सीमांचल के किसानों को लाभ मिलेगा बल्कि बड़ी संख्या में बेरोजगार युवा इससे जुड़ कर अपनी आय बढ़ा सकेंगे। नए साल में खासकर युवा वर्ग को इस बड़ी परियोजना से काफी उम्मीदें हैं। इन्हे भी जरूर पढ़ें
- बिहार से दिल्ली का सफर मात्र हो जायेगा 6 घंटे का, जानिए कब इन सड़को का निर्माण हो जायेगा पूरा
- 1 करोड की ड्रग्स के साथ पकडा गया ये बडा किसान नेता, नाम जानकर उड जायेंगे होश
- यहां महिलाएं मुंह की बजाय गुप्तांग में दबाती है तंबाकू, वजह जानकर उड़ जायेंगे होश
Shimla, Mandi, Kangra, Chamba, बिहार, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, कानपुर, दरभंगा, समस्तीपुर, नालंदा, पटना, मुजफ्फरपुर, जहानाबाद, पटना, नालंदा, अररिया, अरवल, औरंगाबाद, कटिहार, किशनगंज, कैमूर, खगड़िया, गया, गोपालगंज, जमुई, जहानाबाद, नवादा, पश्चिम चंपारण, पूर्णिया, पूर्वी चंपारण, बक्सर, बांका, बेगूसराय, भागलपुर, भोजपुर, मधुबनी, मधेपुरा, मुंगेर, रोहतास, लखीसराय, वैशाली, शिवहर, शेखपुरा, समस्तीपुर, सहरसा, सारण सीतामढ़ी, सीवान, सुपौल, #बिहार, #मुजफ्फरपुर, #पूर्वी चंपारण, #कानपुर, #दरभंगा, #समस्तीपुर, #नालंदा, #पटना, #मुजफ्फरपुर, #जहानाबाद, #पटना, #नालंदा, #अररिया, #अरवल, #औरंगाबाद, #कटिहार, #किशनगंज, #कैमूर, #खगड़िया, #गया, #गोपालगंज, #जमुई, #जहानाबाद, #नवादा, #पश्चिम चंपारण, #पूर्णिया, #पूर्वी चंपारण, #बक्सर, #बांका, #बेगूसराय, #भागलपुर, #भोजपुर, #मधुबनी, #मधेपुरा, #मुंगेर, #रोहतास, #लखीसराय, #वैशाली, #शिवहर, #शेखपुरा, #समस्तीपुर, #सहरसा, #सारण #सीतामढ़ी, #सीवान, #सुपौल,
For more Himachal NEWS visit HimachalSe
Post a Comment